मेने देखा है

मेने देखा उसकी आँखों का काजल फिर रुख़सारों का चमकना भी देखा है मेने देखा है उस फूल को खिलते हुए फिर उसका महकना भी देखा है मेने देखा है उसको दिल की नज़रों से फिर दिल का मचलना भी देखा है मेने देखा है मेरे यार को हस्ते हुए फिर बारिश का मेने बरसना भी देखा है मेने देखा है उसकी पेशानी पे गुस्से की लहरों को वेसे तो मैने दरिया भी देखा है मेने देखा है सुकूँ है बस उसकी बाहों में करके तो मेने सजदा भी देखा है मेने देखा है सारी उम्र बस उसी को ओर लगता है सारा जहां देखा है।

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