Me bhi bewafa hu

में भी बेवफा हु खुद से वफ़ा नही करता, अपनी ज़िंदगी का कोई भी हक़ अदा नही,करता, एक ही दोस्त बनाया है जिंदगी में और सितम देखिये वो भी मेरे हक़ में दुआ नही करता, गर मुमकिन होता किसी शख्स को भूल जाना तो यकीन मान में तेरी याद में खुद को तबाह नही करता, तू क्यू परेशान है अब हाल से मेरे में रो लेता हूं वफ़ा पर अपनी पर तुझसे तो बेवफाई का शिकवा नही करता तूने दिए हैं तो इन्हें तोहफा मानता हु में सूखने पर कुरेद लेता में इन ज़ख्मो की दवा नही करता, में भी बे वफ़ा हु खुद से वफ़ा नही करता

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